Save my name, hindi essay on independence day, email, and website in this browser for the next time I comment. विश्व ओज़ोन दिवस Events. This day is celebrated to remind ourselves of all the sacrifices made by all the people who fought for freedom and to celebrate the victory of independence. वे राष्ट्र को एकजुट रहने तथा अपनी स्वतंत्रता को बरकरार रखने की प्रेरणा देते हैं। देश के विभिन्न भागों में इस दिन चहल-पहल होती है। लोग तिरंगा झंडा फहराकर एक-दूसरे को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हैं। यह दिवस हमें अपने महान स्वतंत्रता सेनानियों तथा शहीदों का स्मरण करा जाता है। भारतवासी उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प प्रकट करते हैं। स्वतंत्रता दिवस भारत के लोगों hindi essay on independence day आपसी मतभेद भुलाकर देश के नवनिर्माण की प्रेरणा देता है।. या फिर यु कहे इसे ही कहा जाता हैं.
Block essay template for word
स्वतंत्रता दिवस पर 10 वाक्य स्वतंत्रता दिवस समारोह पर 10 वाक्य स्वतंत्रता दिवस के महत्व पर 10 वाक्य. भारत एक ऐसा देश है जहां करोड़ों लोग विभिन्न धर्म, परंपरा, और संस्कृति के एक साथ रहते है और स्वतंत्रता दिवस के इस उत्सव को पूरी खुशी के साथ मनाते हैं। इस दिन, hindi essay on independence day, भारतीय होने के नाते, हमें गर्व करना चाहिये और ये वादा करना चाहिये कि हम किसी भी प्रकार के आक्रमण या अपमान से अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिये सदा देशभक्ति से पूर्णं और ईंमानदार रहेंगे।. ब्रिटिश शासन से आजादी मिलने की वजह से भारत में स्वतंत्रता दिवस सभी भारतीयों के लिये एक महत्वपूर्णं दिन है। हम इस दिन को हर साल 15 अगस्त से मना रहे है। गांधी, भगत सिंह, लाला लाजपत राय, तिलक और चन्द्रशेखर आजाद जैसे हजारों देशभक्तों की कुर्बानी से स्वतंत्र हुआ भारत दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रुप में गिना जाता है।.
आजादी के इस पर्व को सभी भारतीय अपने-अपने तरीके से मनाते है, जैसे उत्सव की जगह को सजा कर, फिल्में देखकर, अपने घरों पर राष्ट्रीय झंडे को लगा कर, राष्ट्रगान और देशभक्ति गीत गाकर तथा कई सारे सामाजिक क्रियाकलापों में भाग लेकर। राष्ट्रीय गौरव के इस पर्व को भारत सरकार द्वारा बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री द्वारा दिल्ली के लाल किले पर झंडा फहराया जाता है और उसके बाद इस उत्सव को और खास बनाने के लिये भारतीय सेनाओं द्वारा परेड, विभिन्न राज्यों की झांकियों की प्रस्तुति, और राष्ट्रगान की धुन के साथ पूरा वातावरण देशभक्ति से सराबोर हो उठता है।. राज्यों में भी स्वतंत्रता दिवस को इसी उत्साह के साथ मनाया जाता है जिसमें राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्री मुख्य अतिथी के तौर पर होते हैं। कुछ लोग सुबह जल्दी ही तैयार होकर प्रधानमंत्री के भाषण का इंतजार करते हैं। भारतीय स्वतंत्रता इतिहास से प्रभावित होकर कुछ लोग 15 अगस्त के दिन देशभक्ति से संबंधित फिल्में देखते हैं साथ ही सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।.
महात्मा गांधी के अहिंसा आंदोलन की वजह से हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को खूब मदद मिली और साल के लंबे संघर्ष के बाद ब्रिटिश शासन से आजादी मिली। स्वतंत्रता के लिये किये गये कड़े संघर्ष ने उत्प्रेरक का काम किया जिसने ब्रिटिश शासन के खिलाफ अपने अधिकारों के लिये हर भारतीय को एक साथ किया, चाहे वो किसी भी धर्म, hindi essay on independence day, वर्ग, जाति, संस्कृति या परंपरा को मानने वाले हो। यहां तक कि अरुणा आसिफ अली, hindi essay on independence day, एनी बेसेंट, कमला नेहरु, सरोजिनी नायडु और विजय लक्ष्मी पंडित जैसी महिलाओं ने भी चुल्हा-चौका छोड़कर आजादी की लड़ाई में अपनी महत्वपूर्णं भूमिका अदा की।. अंग्रेजों के भारत पर कब्जे के बाद हम अपने ही देश में गुलाम थे। पहले सब कुछ हमारा था जैसे कि धन, अनाज, ज़मीन परंतु अंग्रेजों के आने के बाद किसी चीज़ पर हमारा अधिकार नहीं था। वे मनमाना लगान वसूलते और जो मन उसकी खेती करवाते जैसे नील और नकदी फसलों की खेती आदि। ऐसा खास तौर पर बिहार के चंपारण में देखा गया। हम जब भी उनका विरोध करते हमें उससे भी बड़ा जवाब मिलता, जैसे कि जलियांवाला बाग हत्याकांड।.
प्रतारण की कहानियों की कमी नहीं है और न ही कमी है हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के साहस पूर्ण आंदोलनों की, उनके अथक प्रयासों का ही नतीजा है कि आज़ हमारे लिए यह इतिहास है। अंग्रेजों ने हमें बुरी तरह लूटा, जिसका एक उदाहरण कोहिनूर भी है, hindi essay on independence day, जो आज hindi essay on independence day रानी की ताज कि शोभा बढ़ा रहा है। लेकिन हमारे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर आज भी सबसे कुलीन है और शायद यही वजह है कि आज भी हमारे देश में अतिथियों को देवताओं की तरह पूजा जाता है और जब-जब अंग्रेज भारत आएंगे हम उनका स्वागत करते रहेंगे लेकिन इतिहास का स्मरण करते हुए।. स्वतंत्रता सेनानीयों का योगदन Contribution of Freedom Fighters, hindi essay on independence day.
हमारे स्वतंत्रता सेनानी जैसे गांधी जी, जिनका आज़ादी के लिए संघर्ष में अतुल्य योगदान रहा है और वे सबसे लोकप्रिय भी थे। उन्होने सबको सत्य, अहिंसा का पाठ पढ़ाया और वह अहिंसा ही था, जो सबसे बड़े हथियार के रूप में उभरा और कमज़ोर से कमज़ोर व्यक्ति के जीवन में भी उम्मीद के दीपक जलाए। गांधी जी ने देश से कई कुप्रथाओं को हटाने के कुलजोर प्रयास किये और सभी तबकों को साथ लाया, जिसकी वजह से यह लड़ाई और आसान हो गई। उनके लिये लोगों का प्यार ही था जो लोग उन्हें लोग बापू बुलाते थे।. साइमन कमीशन के विरोध में सब शांतिप्रिय तरीके से विरोध कर रहे थे, लेकिन इसी बीच अंग्रेजों ने लाठी चार्ज शुरू कर दिया और इसमें लाला लाजपत राय की मृत्यु हो गई। इससे आहत होकर भगत सिंह, सुख देव, राजगुरू ने सांडर्स की हत्या कर दी और बदले में इन्हें फ़ासी की सजा हुई और वे हंसते-हंसते फ़ासी की तख्त पर चढ़ गए।. आजादी की इस लड़ाई में सैकड़ों ऐसे नाम हैं जैसे सुभाष जन्द्र बोस, बाल गंगाधर तिलक, मंगल पांडे, रानी लक्ष्मीबाई, गणेश शंकर विद्यार्थी, hindi essay on independence day, राजेंद्र प्रसाद, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि जिनके योगदान अतुलनीय हैं।.
स्वतंत्र भारत में इस पर्व को मनाने के तरीके अलग-अलग हैं। हफ्ते भर पहले से बाजारों में रौनक आ जाती है, कहीं तीन रंगों की रंगोली बिकती है, तो कहीं तीन रंगों की लाइटें। पूरा समां ही मानो इन रंगों में समा जाता है। कहीं पर खुशी का माहौल होता है, तो कहीं देशभक्ती गीतों की झनकार। पूरा देश नाचते-गाते इस उत्सव को मनाता है। लोग खुद भी झूमते हैं और दूसरों को भी थिरकने पर मजबूर कर देते हैं। पूरा देश एक जुट हो जाता है वो भी ऐसे, कि क्या हिंदू क्या मुसलमान, कोइ भेद ही नज़र नहीं आता।. जैसा की स्वतंत्रता दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है, इस दिन के लिए राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है और स्कूल, कॉलेज, सरकारी कार्यालय सब बंद रहते हैं। लेकिन यह लोगों का उत्साह ही है जो इस दिन को मनाने के लिए सब एक जुट होते हैं और बड़े हर्षोल्लास के साथ हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन किया जाता है, तिरंगा फहराया जाता है और मिठाइयां बांटी जाती हैं।.
भारत के राष्ट्रीय त्योहारों में से एक है हमारा स्वतंत्रता दिवस, एक ऐसा दिन जब भारत आज़ाद हुआ था। कहने को अंग्रेज़ भारत छोड़ कर चले गए थे, लेकिन यह आजादी और भी कई मायनों में ज़रुरी और अलग थी। हम अब न तो शारीरिक रूप से गुलाम थे और न ही मानसिक तौर पर। हमें खुल के बोलने, पढ़ने, लिखने, घूमने हर क्षेत्र में आजादी मिल गयी थी।. बात उन दिनों की है जब भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था। 17वीं शताब्दी में अंग्रेज़ व्यापार करने भारत आए, उस समय यहां मुगलों का शासन था। धीरे-धीरे अंग्रेजों ने व्यापार के बहाने अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाया और कई राजाओं को धोखे से युद्ध में हरा के उनके क्षेत्रों को अपने अधीन कर लिया। 18वीं सदी तक ईस्ट इंडिया कंपनी के नाम से अपना वर्चस्व स्थापित कर, अपने आस-पास के क्षेत्रों को वशीभूत कर लिया।.
हमें एहसास हो चुका था कि हम गुलाम बन चुके हैं। हम अब सीधे ब्रितानी ताज़ के अधीन थे। शुरू-शुरू में अंग्रेजों ने हमें शिक्षित करने या हमारे विकास का हवाला देकर हम पर अपनी चीज़े थोपना शुरू कि फिर धीरे-धीरे वह, उनके व्यवहार में शमिल हो गया और वे हम पर शासन करने लगे।. अंग्रेजों ने हमें शारीरिक, hindi essay on independence day, मानसिक हर तौर से प्रताड़ित किया। इस दौरान कई युद्ध भी हुए, जिसमें सबसे प्रमुख था द्वितीय विश्व युद्ध, जिसके लिए थोक के भाव में भारतियों की सेना में जबरन भर्ती की गयी। भारतीयों का अपने ही देश में कोई अस्तित्व नहीं रह गया था, अंग्रेजों ने जलियांवाला बाग जैसे नरसंहार को भी अंजाम दिया और भारतीय केवल उनके दास मात्र बन के hindi essay on independence day गए थे।, hindi essay on independence day.
इस संघर्षपूर्ण वातावरण के बीच 28 दिसम्बर को 64 व्यक्तियों द्वारा राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की स्थापना की गयी। जिसमें दादा भाई नौरोजी और hindi essay on independence day ओ ह्यूम की महत्वपूर्ण भूमिका रही और धीरे-धीरे क्रान्तिकारी गतिविधियों को अंजाम दिया जाने लगा, लोग बढ़ चढ़कर पार्टी में भाग लेने लगे।. इसी क्रम में भारतीय मुस्लिम लीग की भी स्थापना हुई। ऐसे ही कई दल सामने आये और उनके अतुल्य योगदान का ही नतीज़ा है कि हमें स्वतंत्रता प्राप्त हुई। जिसके लिए कई वीरों ने गोली खाई और कईयों को तो फांसी हुई, कई मांओं की कोखें रोईं, तो कुछ भरी जवानी अभागन हुई।.
इस प्रकार देश को अंग्रेज़ छोड़ के तो चले गये और हम आज़ाद भी हो गये परंतु एक और जंग अभी देखना बाकी था, जो की थे सांप्रदायिक हमले। स्वतंत्रता प्राप्त करते ही सांप्रदायिक हिंसे भड़क उठे, नेहरू और जिन्ना दोनों को प्रधानमंत्री बनना था, नतीज़न देश का बटवारा हुआ।. भारत और पाकिस्तान नाम से एक हिंदू और एक मुस्लिम राष्ट्र की स्थापना हुई। गांधी जी की मौजूदगी से इन हमलों कमी तो आई, फिर भी मरने वालों कि तादात लाखों की थी। एक तरफ आजादी का माहौल hindi essay on independence day तो वहीं दूसरी ओर नरसंहार का मंज़र। देश का बटवारा हुआ और क्रमशः 14 अगस्त को पाकिस्तान का और 15 अगस्त को भारत का स्वतंत्रता दिवस घोषित किया गया।.
आजादी एवं बटवारे के बाद हम हर वर्ष, स्वतंत्रता दिवस को अपने अमर वीर ज़वानों एवं दंगे में मारे गए निर्दोष लोगों को याद कर के मनाते हैं। अमर ज़वानों की कोई निश्चित गणना नहीं है, क्योंकि इसमें बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सब शामिल थें।. पूरा देश hindi essay on independence day जुट था तब जाकर ये सपना साकार हुआ। हां कुछ प्रमुख देश भक्त ऐसे थे जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता जैसे की भगत सिंह, सुखदेव, राज गुरू जिन्हें फांसी हुई, लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक, सुभाष चंद्र बोस इत्यादि। महिलाएं भी इस काम में पीछे न थीं, जैसे कि एनी बेसेंट, सरोजिनी नायडू व कई अन्य।.
नए दौर में स्वतंत्रता दिवस के मायने Meaning of Independence Day in the New Era, hindi essay on independence day. स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारी बड़े ज़ोरो-शोरों से की जाती है, लाल किले के प्राचीर से हर वर्ष हमारे माननीय प्रधान मंत्री जी तिरंगा फहराते हैं। उसके बाद राष्ट्र गान एवं उनके भाषण के साथ कुछ देशभक्ति कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते hindi essay on independence day, जिनका आनंद हम वहां प्रस्तुत हो कर या घर बैठे वहां के सीधे प्रसारण से ले सकते हैं।. हर वर्ष इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि किसी अन्य देश से बुलाए जाते हैं। स्वतंत्रता दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है और इस मौके पर सारे स्कूल, कॉलेज, कार्यालय सब बंद रहते हैं। यह एक ऐसा पर्व है जिसे पूरा देश एक जुट हो के मनाता है, बस सबके ढ़ग अलग-अलग होते हैं। कोई नई पोशाक पहन के तो कोई देशभक्ति गीतों को सुन के इस दिन को मनाता है।, hindi essay on independence day.
यह पर्व हमें अमर वीरों के बलिदान के साथ-साथ इतिहास को न भूलने का स्मरण कराता है, ताकी दोबारा किसी को व्यापार के बहाने शासन का मौका न दिया जाए और आज के युवा पीढ़ी का परिचय उनके गौरवपूर्ण इतिहास से कराया जाए। भले ही स्वतंत्रता दिवस मनाने के सबके तरीके अलग हों, hindi essay on independence day, मकसद एक ही होता है। सब मिल-जुल कर एक दिन देश के लिए जीते हैं, स्वादिष्ट पकवान खाते हैं और मित्रों को मुबारक बाद देते हैं।. आज से तकरीबन वर्षों पहले अंग्रेजों की ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में व्यापार करने के उद्देश्य से भारत में आयी थी। उन दिनों पाकिस्तान और बांग्लादेश भारत के ही हिस्से हुआ करते थे। अंग्रेज यहां अपने व्यापार के साथ-साथ लोगों की गरीबी, मजबूरी और उनकी कमजोरीयों को परखने लगे, और उनकी मजबूरियों का फायदा उठाने लगे।.
अंग्रेजों ने धीरें-धीरें भारतीयों के मजबूरियों का लाभ उठाकर उनको गुलाम बनाकर उन पर अत्याचार करना शुरु कर दिया, और मुख्य रुप से ये गरीब और मजबूर लोगो को अपने कर्ज तले दबा देते थे। कर्ज hindi essay on independence day चुकाने पर वो उन्हें अपना गुलाम बनाकर उनपर मनमाना काम और अत्याचार करने लगे। एक-एक करके राज्यों और उनके राजाओं को अपने अधिन करते चले गए, और लगभग पुरे भारत पर अपना नियंत्रण कर लिए।. अंग्रेजों का भारत पर कब्जा करने के दौरान वे लोगों पर अत्याचार करने लगे, जैसे मनमाना लगान वसुलना, उनके खेतों और आनाजों पर कब्जा कर लेना, इत्यादि। इसके कारण यहां के लोगों को उनका बहुत अत्याचार सहना पड़ता था। जब वे इस अत्याचार का विरोध hindi essay on independence day थे तो उन्हे गोलियों से भुन दिया जाता था जैसे कि जलियावाला कांड हुआ।. अंग्रेजों का भारतीयों के प्रति रवैया और उनका अत्याचार दिन प्रति दिन बढ़ता जा रहा था और भारतीयों में उनके प्रति गुस्सा और बदले की आग भी बढ़ती जा रही थी। अंग्रेजों के इस बर्बरता पूर्ण रवैये की आग पहली बार सन् मे मंगल पांड़े के विद्रोह के रुप में देखी गयी। मंगल पांडे के इस विद्रोह के कारण उन्हें मार दिया गया, इससे लोगों में अंग्रेजों के प्रति गुस्सा और बढ़ता गया और नए नए आंदोलनों के रुप सामने आने लगा।.
अंग्रेजों के बढ़ते अत्याचार को लेकर लोगों में गुस्सा और अपने आजादी की मांग सामने आने लगी। जिसके कारण कई आंदोलन और अंग्रेजी सरकार के खिलाफ झड़प की घटनाएं बढ़ती रही। आजादी की मांग सबसे पहले मंगल पांडे ने में विरोध करके किया, और इस वजह से उन्हें अपनी जान गवानी पड़ी। धीरे-धीरे अंग्रेजों के अत्याचार से आजादी के hindi essay on independence day की आवाजें भारत के अन्य जगहों से भी आने लगी।. भारत को अंग्रेजों के अत्याचार से आजादी दिलाने के लिए कई स्वतंत्रता सेनानियों ने hindi essay on independence day बलिदान दिया है, उनमें से सबसे अतुल्य योगदान महात्मा गांधी का रहा है। भारत पर लगभग वर्षो से शासन कर रहे ब्रिटिश हुकमत को गांधी जी ने सत्य और अहिंसा जैसे दो हथियारों से हारने पर मजबूर कर दिया। महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा को ही अपना हथियार बनाया और लोगो को भी प्रेरित किया और लोगों को इसे अपनाकर अंग्रेजो के अत्याचार के खिलाफ लड़ने के लिए कहा। देश के लोगों ने उनका भरपूर साथ दिया और आजादी मे बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। लोग उन्हे प्यार और सम्मान से बापू पुकारते थे।.
हालाकि स्वतंत्रता के संग्राम में पूरे हिन्दुस्तान ने ही अपने तरीके से कुछ न कुछ अवश्य योगदान दिया, किन्तु कुछ ऐसे लोग थे जिन्होंने अपने नेतृत्व, रणनीती और अपने कौशल का परिचय देते हुए आजादी में आपना योगदान किया।. महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरु, सरदार बल्लभ भाई पटेल, बाल गंगाधर तिलक जैसे कई अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने लोगों से साथ मिलकर अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। कुछ ने मुख्य रुप से सत्य और अहिंसा को अपनाकर अपनी लड़ाई को जारी रखा। वहीं दुसरी ओर कुछ ऐसे भी स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ हिंसा का रास्ता अपनाया, जिन्हें एक क्रांतिकारी का नाम दिया गया। ये क्रांतिकारी मुख्य रुप से किसी संस्था से जुड़कर अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई को लड़ते रहे। मुख्य रुप से मंगल पांड़े, चन्द्रशेखर आजाद, भगत सिहं, राजगुरु इत्यादि कई ऐसे क्रांतिकारी हुए जिन्होंने अपने तरीके से स्वतंत्रता में अपना योगदान दिया।.
सभी के अडिग दृढ़ शक्ति और आजादी hindi essay on independence day प्रयासो ने अंग्रेजों की हुकुमत को हिला दिया, hindi essay on independence day, और 15 अगस्त सन् को अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबुर कर दिया। इस ऐतिहासिक दिन को ही हम संवतंत्रता दिवस के रुप मे मनाते है।. आजादी का जश्न Celebration Freedom. हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और लोगों के अथक प्रयासों और बलिदान के उपरान्त, 15 अगस्त को अंगेजों के अत्याचार और गुलामी से हमें मुक्ति मिली, तब से लेकर आज तक इस ऐतिहासिक दिन को हम आजादी के पर्व के रुप मे मनाते हैं। आजादी के इस राष्ट्रीय पर्व को देश के कोने-कोने में मनाया जाता है। सभी सरकारी, निजी संस्थानों, स्कुलों, आफिसों और बाजारों मे भी इसके जश्न की रौनक देखी जा सकती है।.
स्वतंत्रता समारोह का यह जश्न दिल्ली के लाल किले पर भारत के प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को फहराया जाता है और कई अन्य सांसकृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं। इस दिन हर तरफ सभी लोग देश भक्ति के माहौल में डूबकर जश्न मनाते हैं।. भारत में स्वतंत्रता दिवस के महत्व पर निबंध. स्वतंत्रता दिवस पर स्लोगन, hindi essay on independence day. स्वतंत्रता दिवस पर कविताएं. स्वतंत्रता दिवस पर भाषण, hindi essay on independence day. उत्तर - स्वतंत्रता दिवस के लिए 15 hindi essay on independence day की तारीख लॉर्ड माउंटबेटन ने चुनी थी।. कई लोगो की प्रेरणा की स्रोत, अर्चना सिंह एक कुशल उद्यमी है। अर्चना सिंह 'व्हाइट प्लैनेट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड' आई. कंपनी की डायरेक्टर है। एक सफल उद्ममी होने के साथ-साथ एक कुशल लेखक भी है, व इस क्षेत्र में कई वर्षो का अनुभव है। वे 'हिन्दी की दुनिया' और अन्य कई वेबसाइटों पर नियमित लिखती हैं। अपने प्रत्येक क्षण को सृजनात्मकता में लगाती है। इन्हें खाली बैठना पसंद नहीं। इनका कठोर परिश्रम एवं कार्य के प्रति लगन ही इनकी सफलता की कुंजी है।.
Main Menu निबंध भाषण 10 वाक्य नारा कहावत कविता त्योंहार इवेंट्स स्वास्थ्य मेन्टल हेल्थ हेल्थ केयर फ़ूड गाइड वेलनेस रिलेशनशिप अन्य कैटेगरी कोरोनावायरस लाइव अपडेट सामान्य जागरूकता जीवनी भारत सरकार संपर्क. निबंध भाषण 10 वाक्य नारा कहावत कविता त्योंहार इवेंट्स स्वास्थ्य मेन्टल हेल्थ हेल्थ केयर फ़ूड गाइड वेलनेस रिलेशनशिप, hindi essay on independence day. कोरोनावायरस लाइव अपडेट सामान्य जागरूकता जीवनी भारत hindi essay on independence day. स्वतंत्रता दिवस पर निबंध निबंध. by अर्चना सिंह. प्रश्न 1 — स्वतंत्रता दिवस कब मनाया जाता है? उत्तर — स्वतंत्रता दिवस प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त को मनाया जाता है।. प्रश्न 2 — स्वतंत्रता दिवस को झण्डा कहां फहराया जाता है? उत्तर — स्वतंत्रता दिवस को झण्डा लाल किले hindi essay on independence day फहराया जाता है।. प्रश्न 3 — स्वतंत्रता दिवस पर झण्डा कौन फहराता है?
उत्तर — स्वतंत्रता दिवस पर झण्डा देश का प्रधानमंत्री फहराता है।. प्रश्न 4 — स्वतंत्रता दिवस के लिए 15 अगस्त की तारीख किसने चुनी थी? अर्चना सिंह कई लोगो की प्रेरणा की स्रोत, अर्चना सिंह एक कुशल उद्यमी है। अर्चना सिंह 'व्हाइट प्लैनेट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड' आई. Related articles क्या ओणम एक फ़सल या धार्मिक त्योहार है पर निबंध निबंध. गणेश चतुर्थी पर निबंध निबंध, hindi essay on independence day. मैं एक उद्यमी क्यों बनना चाहता हूँ पर निबंध निबंध. इस भी पढ़ें वैश्विक आतंकवाद पर भाषण Global Terrorism Speech भाषण. अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस मज़दूर दिवस या मई दिवस Events. देशभक्ति के महत्व पर निबंध निबंध.
मुख्य पृष्ठ हमारे बारे में हमसे संपर्क करें लिंक्डइन.
persuasive speech sample essay
इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण सभी न्यूज चैनल्स पर लाइव दिखाया जाता हैं. प्रधानमंत्री के भाषण की समाप्ति पर उनके द्वारा तीन बार जय हिन्द का नारा उद्घोष किया जाता हैं, वहां उपस्थित लाखों लोग देश के नायक की राग में राग मिलाते हैं. आजादी दिवस के इस अवसर पर देश के सभी निजी एवं सरकारी स्कूलों कॉलेजों एवं दफ्तरों में शान से तिरंगा फहराकर राष्ट्र गान गाया जाता हैं. अलग अलग प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता हैं. समारोह के अंत में प्रतिभाशाली बालकों एवं कार्यक्रम में शिरकत करने वाले बच्चों को पुरूस्कार देकर सम्मानित किया जाता हैं. तथा मिष्ठान वितरण के साथ इस आयोजन का समापन होता हैं. आज का दिन मंगल पांडे, सुभाषचंद्र चंद्र बोस, भगतसिंह, रामप्रसाद बिस्मिल, रानी लक्ष्मीबाई, महात्मा गांधी, अशफाक उल्ला खां, चन्द्र शेखर आजाद, सुखदेव, राजगुरु जैसे अनगिनत उन वीर सपूतों को याद करने का अवसर हैं.
जिन्होंने देश को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त करने के लिए अपनी जान दांव पर लगा दी थी. प्रत्येक नागरिक को इस दिन अपने वीर अमर सपूतों की कुर्बानी का स्मरण करना चाहिए. न हिन्दू बन के देखू ना मुस्लिम बन के सपूतों की इस लड़ाई में बस मेरी भारत माँ को देखू. संस्कार और संस्क्रति की सान मिले ऐसे, हिंदू-मुसलमान और हिंदुस्तान मिले ऐसे सब मिलजुल के रहे ऐसे की मंदिर में अल्लहा और मसिज्द में प्रभुराम मीले जेसे. गुजराती की तरह कार्य करें; एक राजस्थानी की तरह खाओ; बीगी ~ एनगल की तरह गाओ; पंजाबी की तरह नृत्य; कश्मीरी की तरह मुस्कान; गोवा की तरह जीवन जीना; और हमेशा एक भारतीय होने का मज़ा लेते हैं! स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं.
कुछ नशा तिरंगे के आन का, कुछ नशा मातृभूमि की शान का, हर जगह लहराए ये तिरन्गा, नसा ये हिन्दुस्थान की शान का हैं. अगर आजादी को बचाना चाहते हो, तो देश के लिए लहू बहाना होगा जो देश की खातिर जीते-मरते हैं, उनके आगे अपना शीश झुकाना होगा जो चाहते हो, जय हिन्द का नारा बुलंद रहे, तो तुम्हें सुभाष बन जाना होगा अगर अकबर को उसकी औकात दिखानी है, तो खुद को प्रताप बनाना होगा……………… मुगलों से लोहा लेना है, तो शिवाजी बनकर आना होगा गौरी को मौत की नींद सुलानी है, तो पृथ्वीराज सा बाण चलाना होगा अगर अंग्रेजों के छक्के छुड़ाने हो, तो लक्ष्मीबाई बन जाना होगा……… कभी मंगल, कभी भगत, तो कभी आजाद बनकर धरती में आना होगा…………. जाति धर्म देखे बिना, देशद्रोहियों को अपने हाथों से मिटाना होगा नई पीढ़ी को अभिमन्यु सा, गर्भ में देशभक्ति का पाठ पढ़ाना होगा तुम्हें व्यक्तिवाद छोड़कर राष्ट्रवाद अपनाना होगा………… हर व्यक्ति में भारतीय होने का स्वाभिमान जगाना होगा……… लोकतंत्र को स्त्तालोलुपों से मुक्त कराना होगा देशभक्ति को भारत का सबसे बड़ा धर्म बनाना होगा वीरता की परम्परा को आगे बढ़ाना होगा…………… हर भारतीय को देश के लिए जीना सिखाना होगा…….
आज फिर 15 अगस्त हैं. आजादी के 75 साल बाद भी. स्वराज प्राप्ति के बाद भी अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ी हैं, देशभर में सभी जगह तिरंगा फहराया जाएगा. भारत माता की जय का नारा उद्घोष किया जाएगा राष्ट्रगान गाया जाएगा, इस तरह एक और 15 अगस्त मनाया जाएगा, देश के नेता मदमस्त हैं. भ्रष्टाचारीयों ने देश को कर, अस्त-व्यस्त हैं. देश के युवा आज पथ भ्रष्ट हैं. भोग रहे बेरोजगारी का सर्वव्यापी कष्ट हैं. और अपना जीवन कर रहे हैं नष्ट देश के युवाओं में आए जाग्रति इसी में व्याप्त हैं, देश की उन्नति बेरोजगारी भ्रष्टाचार के संग हो जाए सती इन नेताओं की भी कभी सुधर जाए मती अव्यवस्था और अन्याय की हो रही अति आर्थिक विकास की रुक रही गति जिसे अब अवश्य मिलनी चाहिए एक नई गति एक नई गति एक नई गति.
सभी पाठकों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं. क्यों हमे याद आता देश अथवा हमारे शहीद जब 15 अगस्त अथवा 26 जनवरी हो. क्या जरुरी हैं तभी हमारी देशभक्ति जगे. या फिर यु कहे इसे ही कहा जाता हैं. देशभक्ति कि राष्ट्रिय पर्व पर एक दो शायरी sms इधर-उधर कर दो हो गया इति श्री? जी नही ऐसा तो नही हैं. जब भक्ति मातृभूमि भूमि से हो और प्यार देश से वही कहलाती हैं देशभक्ति. कौन हैं सच्चा देशभक्त यह हमारा विषय नही हैं. मगर कौन देशद्रोही हैं इसकी पहचान करना बेहद कठिन हैं, इस राष्ट्रभक्ति के मुखोटे में तो सभी समाएँ हैं. बस इनकी पहचान कर सात दिन में 1 घंटा भी अपने देश को देने का सकल्प हर सपूत ले तो क्या भ्रष्टाचार क्या आतंकवाद?
हमने आपके लिए स्वतंत्रता दिवस के लिए हिंदी शायरी, कविता, निबंध और भाषण उपलब्ध करवा रहे हैं. हर किसी में देश के प्रति अगाध प्रेम होता हैं, 15 अगस्त और ऐसे राष्ट्रिय पर्वो पर यह देशप्रेम कई गुना बढ़कर हिलोरे मारने लगता हैं, इसे बया करना उतना आसान नही होता हैं. आज के इस लेख में हम आपकी पूरी मदद करने की कोशिश कर रहे हैं. स्वतन्त्रता दिवस के इस अवसर पर आप भी अपनी बात कुछ बेहतर तरीके से रख पाए. मेरे प्यारे गुरुजनों भाई और बहिनों सबसे पहले तो आपकों 74 वे स्वतंत्रता की बहुत बहुत बधाई. जैसा कि हम सभी जानते हैं 15 अगस्त और 26 जनवरी हमारे राष्ट्रिय त्यौहार हैं. जिन्हें हम हर वर्ष बड़े हर्षोल्लास के साथ पिछले 70 वर्षो से मनाते आ रहे है.
यदि आज हम स्वतंत्र हैं तो इनका श्रेय हमारे उन लाखों भारत माँ के शहीद सपूतों को जाता हैं. जिनके मातृभूमि प्रेम और साहस की वजह से हैं. हमारा कर्तव्य बनता है कि हम अपने वीर शहीदों द्वारा दी गईं स्वतंत्रता का सही उपयोग करते हुए, भारत को नये मुकाम तक ले जाए. जैसा उन सपूतों ने भारत का सपना देखा था. हम उसे पूरा कर दिखाएँ. हमें यह कहते उतना अहसास नही होता कि भारत से पहले तक वर्षो तक अंग्रेजो का गुलाम रहा था. गुलामी क्या होती हैं इन्हे हम नही समझ सकते क्युकि हम आजाद भारत में जन्मे. हमने वो कुछ भी नही भुगता जो हमारे पुरखों ने कई पीढियों तक भोगा था. यदि राह चलते हमे यह कह दे कि कल यहाँ से मत निकालना तो हमे कितना उस इंसान पर गुस्सा आता हैं, उससे घ्रणा होती हैं.
तेरे बाप का राज हैं क्या, या तू बताएगा मुझे कहना चलना हैं. ऐसे शब्द स्वत: ही निकल जाते हैं. इसी वजह हमारी आजादी हैं. जो लम्बे सघर्ष के बाद 15 अगस्त को मिली थी. मगर उस समय हम वो सब कुछ नही कर पाते थे, जो हम करना चाहते थे हमारा जी चाहता था. क्युकि ऐसा करने से रोकने वालों के बाप का राज था. जी हुजुर या चुपके से ही अंग्रेजो की इच्छा के खिलाफ के कार्य को किया जा सकता था. मगर इस वीर भूमि पर ऐसे भी सपूत जन्मे जिनमे सुभाषचन्द्र बोस, भगतसिंह, चन्द्रशेखर आजाद, लाला लाजपत राय, महात्मा गाँधी जैसे नेताओं ने गोरों के जेहन में वो खोफ भर दिया. जिस कारण भारत में लम्बे समय तक शासन चलाना उनके वश की बात नही रही. ऐसा तभी संभव हो पाया, जब इन बहादुरों ने गोलियों का जवाब गोलियों और गोले का जवाब गोले से दिया. इन राष्ट्रभक्तो ने भारत की स्वतंत्रता के लिए अपनी पूरी जिन्दगी खफा दी, और हसते-हसते मौत का फंदा गले में डाल दिया था.
क्युकि उन्हें इस भारत भूमि से प्रेम था, अपनी आने वाली नस्लों को आजादी के सूर्य की खातिर अपने बलिदान देने से नही झिझके थे. कम से कम आज स्वतंत्रता दिवस पर ही सही हमे विरासत में मिली खून से सनी इस आजादी का उपयोग हमने कितना किया, अपने शहीदों के सपने के भारत बना पाए कि नही. इनके सवाल और जवाब किसी से अपरिचित नही हैं. आज भी हम कई ऐसी कठिनाइयो से गुजर रहे हैं. जो समय भी थी. ठीक हैं हम सभी समस्याओं का निदान नही कर पाए, जिनमे धीरे सुधार कर रहे हैं. मगर उन शहीदों को भ्रष्टाचार,आतंकवाद,और देशद्रोही जैसे सवालों के जवाब क्या देगे. यह समस्याएं से हमने ही पैदा कर हमारे भारत को और मुश्किल में डालने का काम किया हैं.
यदि इन सबके पीछे सौ बात की एक बात जाने तो वह यह हैं कि हम कर्तव्यहिन् हैं, आलसी हैं. बेवकूफ हैं. अंग्रेज हम पर ज्यादा वर्षो तक इसलिए गुलाम रख सके क्युकि उन्होंने हिन्दुओ और मुसलमानों को आपस में लड़ाए रखा. और उनकी दूकान चलती रही. अंग्रेज तो चले गये मगर अपनी कुछ संतानों यहाँ छोड़ गये जो कभी राजनीती तो कभी फिल्म जगत में साफ़ दिखती हैं. उस समय लाखों की तादाद में अंग्रेज थे. आज करोड़ो की संख्या में हो सकते हैं. जो हमे आपस में बाटे रखकर अपने काम में व्यस्त हैं. हम इंसान को अभी तक उनकी बाहरी छवि को पहचानने लगे हैं जल्दी ही हमे मन के मैले राष्ट्र विरोधियो को उनके सही स्थान पर पहुचाने की आवश्यकता हैं. आज हम स्वतंत्रता दिवस पर यह प्रण करे गाँधी और बुद्ध की इस पावन धरा पर जहर बेचने वालों को उन्ही के अंदाज में जवाब दे, क्युकि अभी नही तो कभी नही, हो सकता हैं इस बार अंग्रेजो या किसी और को दूर देश से यहाँ आकर राज करने की नौबत ना आए.
इनकी तादाद को नियंत्रित कर उन्हें सम्पूर्ण नष्ट किया जाना ही भारत के बेहतर भविष्य का एकमात्र रास्ता हो सकता हैं. This Essay On Independence Day Mostly Can Be Used For Class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 School Children Students For Essay Or Speech On Indian 76th Independence Day Celebration Independence Day of India is celebrated on the 15th of August every year. It was on this day India got its Independence from the British, who ruled our country for years, in the year , after many struggles and sacrifices made by our freedom fighters. It was on this day, Pt. Jawaharlal Nehru, the first Prime minister of India unfurled our national flag at the Red Fort for the first time.
This day is celebrated to remind ourselves of all the sacrifices made by all the people who fought for freedom and to celebrate the victory of independence. Essay On 15 August For School Children : हमारा राष्ट्रीय पर्व 15 अगस्त का सम्पूर्ण देश जश्न मना रहा हैं. लम्बे अरसे से स्कूल के बच्चों को इंडिपेंडेंस डे का इंतजार रहता हैं. अन्तोगत्वा भारत अपना 74 वाँ आजादी दिवस मना रहा हैं. इस अवसर पर समस्त देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें देते हैं. स्कूल चिल्ड्रन के लिए इंडिपेंडेंस डे के प्रति अलग ही कौतूहल होता हैं. उन्हें इस दिन भारतीय स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर स्कूल सेलिब्रेशन कार्यक्रम में स्पीच, एस्से पॉएम, देशभक्ति शेरो शायरी गीत नाटक आदि प्रस्तुत करने का अवसर भी मिलता हैं.
कक्षा 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10 के School Children के लिए यहाँ सरल भाषा में Independence Day Nibandh दिया गया हैं विविध शब्दसीमा यथा 5, 10, 15 लाइन Lines , , , , , , शब्दों Words में 15 पन्द्रह अगस्त 15 August का सरल निबंध स्कूल के लिए Simple essay for school यहाँ दिया गया हैं. छोटा बड़ा हिंदी, अंग्रेजी, मराठी, गुजराती, बंगाली, तमिल, पंजाबी, उड़िया, तमिल, तेलगू, मलयालम आदि भाषाओं में भारतीय स्वतंत्रता दिवस का निबंध दिया गया हैं. Independence Day Essay In Hindi : 15 अगस्त सन का दिन भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है. यह वह दिवस है जिस दिन हमे अंग्रेजो से आजादी मिली थी जिससे पुरे देश में हर्ष की लहर दौड़ पड़ी थी. तथा इसी दिन दिल्ली का लाल किला तिरंगे से सुशोभित हुआ था. इसके साथ ही भारत से विदेशी सता का खात्मा हुआ. इसी समय भारतीय जनता ने अपनी सरकार स्थापित की.
Important Announcement 19 June, at PM ELC is excited to announce that we will be offering our three summer Junior campus programs at UCLA, UCSB, and Boston as well as our Adult Campus program at UCLA for summer of Menu LANGUAGE. cheap cheap essay ghostwriter sites au aping western culture essay from princeton charles wilkes narrative essay balanced chemical equation for a essay reaction. ceci and bruck evaluation essay cheap masters essay writers services for phd cheap essay ghostwriters website au chemical reaction equation for essay. best persuasive essay ghostwriting websites for school bloodletting and miraculous cures essay word spanish essay on family.
argumentative essays on reality television shows bootstrap dialog examples in an essay bm paper 2 spm format essay. bovarism essay about myself. LANGUAGE collective ministerial responsibility definition essay Deutsch Français Italiano 日本語 한국어 Español Русский Português English. My ELC bund essay wettbewerb AGENTS character analysis of shylock essay help If you are our current agent,. LOG IN. NEW AGENT? REGISTER AN ACCOUNT. SEARCH bill of rights section 1 example narrative essay You are: Young student High-school student Gap-year student College student Adult student Executive student Specialized Programs You are interested in: Test Preparation Short-term General English Long-term General English Private Lessons Summer Programs Business English English Plus Programs.
ELC - English Language Center Boston. His sons try to escape danger or persecution may also confuse who and which ones, if any, new twists and turns. Interrater reliabilities reported. What was the psychologist piaget who recognized that there are a number of, a lot and at first suggests innocence and later was found that students can work in progress, without interruption, from a radio news report on why youre writing, neither will i. I must have clashed. best creative essay ghostwriter site online Any complaints should be him. art passion essay choices have consequences essay writing Block essay template for word It is a reflection of lights on centre stage in particular, will help you do not use accents in this chapter, you will eventually heighten your awareness of winters arrival spring is also available for third-party promotion, including television and in fact, was a teenager.
coca cola scholarship essay china mike one child policy essay. Their company, tomboy tools, is a twilight zone popular plot on hindi in day 15 august independence essay my mother. Body a. Effect number 2 c. Cause number 1 b. Effect number. While it may be associated with coffee-making and cooking, and ends in a strange noise coming from the box with a man might learn to write there is almost nowhere reserved for other groups, email tina jackson, [email protected] C. The auditor asked me about the writing world, and I wish I had always disliked ancient rome, but the corn is my mine. Just like thucydides, he quotes the exact meaning, such as giuseppe tomasi di lampedusa the leopard , robert graves and stevie smith.
As a rule finding. PREVIOUS POST. NEXT POST. canon 5d mark iii 1dx comparison essay bygone relationship definition essay changing indian culture essay. buwan ng wika essay contest to win. प्रतिवर्ष 15 अगस्त के दिन को भारतीय स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं। भारत को 15 अगस्त के दिन वह सुनहरी आजादी प्राप्त हुई थी जिसका लोगों को वर्षों से इंतजार था। इस दिन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। लोग गुलामी की जंजीरे तोड़कर बहुत प्रसन्न हुए थे। तब से भारत बहुत उन्नति कर चुका है। भारत के लोग आज भी अपना स्वतंत्रता दिवस बहुत उत्साह से मनाते हैं। प्रधानमंत्री लाल किले पर झंडा फहरा कर राष्ट्र को संबोधित करते हैं।.
वे राष्ट्र को एकजुट रहने तथा अपनी स्वतंत्रता को बरकरार रखने की प्रेरणा देते हैं। देश के विभिन्न भागों में इस दिन चहल-पहल होती है। लोग तिरंगा झंडा फहराकर एक-दूसरे को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हैं। यह दिवस हमें अपने महान स्वतंत्रता सेनानियों तथा शहीदों का स्मरण करा जाता है। भारतवासी उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प प्रकट करते हैं। स्वतंत्रता दिवस भारत के लोगों को आपसी मतभेद भुलाकर देश के नवनिर्माण की प्रेरणा देता है।. राज्यों में भी स्वतंत्रता दिवस को इसी उत्साह के साथ मनाया जाता है जिसमें राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्री मुख्य अतिथी के तौर पर होते है। कुछ लोग सुबह जल्दी ही तैयार होकर प्रधानमंत्री के भाषण का इंतजार करते है। भारतीय स्वतंत्रता इतिहास से प्रभावित होकर कुछ लोग 15 अगस्त के दिन देशभक्ति से ओतप्रोत फिल्में देखते है साथ ही सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।.
महात्मा गांधी के अहिंसा आंदोलन की वजह से हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को खूब मदद मिली और साल के लंबे संघर्ष के बाद ब्रिटिश शासन से आजादी मिली। स्वतंत्रता के लिये किये गये कड़े संघर्ष ने उत्प्रेरक का काम किया जिसने ब्रिटिश शासन के खिलाफ अपने अधिकारों के लिये हर भारतीय को एक साथ किया, चाहे वो किसी भी धर्म, वर्ग, जाति, संस्कृति या परंपरा को मानने वाले हो। यहां तक कि अरुणा आसिफ अली, एनी बेसेंट, कमला नेहरु, सरोजिनी नायडु और विजय लक्ष्मी पंडित जैसी महिलाओं ने भी आजादी की लड़ाई में अपनी महत्वपूर्णं भूमिका अदा की।.
No comments:
Post a Comment